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भारतीय रिज़र्व बैंक की नई LCR गाइडलाइंस से बैंकिंग सेक्टर में 2.2 लाख करोड़ की लिक्विडिटी बढ़ेगी ।

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी स्वागत है आप सभी का हमारे आज के इस खास आर्टिकल में आज हम बात करेंगे भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI द्वारा हाल ही में जारी की गई नई LCR Liquidity Coverage Ratio गाइडलाइंस के बारे में जो बैंकिंग सेक्टर के लिए काफी अहम मानी जा रही हैं इन गाइडलाइंस ने न सिर्फ बैंकिंग व्यवस्था की स्थिरता को बढ़ावा दिया है बल्कि इससे जुड़ी ब्रोकरेज कंपनियों की प्रतिक्रियाएं भी बेहद सकारात्मक रही हैं नए नियमों के लागू होने से बैंकों को अधिक लिक्विड फंड्स उपलब्ध होंगे जिससे उनकी ऋण देने की क्षमता में भी वृद्धि हो सकती है इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि RBI के इस फैसले का असर किन किन बैंकों पर पड़ सकता है ब्रोकरेज कंपनियों ने इस पर क्या कहा है और निवेशकों के लिए इसका क्या महत्व है अगर आप बैंकिंग सेक्टर में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए बेहद काम की है तो चलिए बिना किसी देरी के आज के इस आर्टिकल को शुरू करते हैं और आपके सभी जानकारी से रूबरू कराते हैं

RBI की नई LCR Guidelines क्या कहती हैं

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों की लिक्विडिटी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए जो नई गाइडलाइंस जारी की हैं वे 1 अप्रैल 2026 से प्रभाव में आएंगी इन गाइडलाइंस के अनुसार अब बैंकों को मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से आने वाले डिपॉजिट पर पुराने ड्राफ्ट की तुलना में कम रन ऑफ रेट देना होगा पहले जहां यह रेट 5 प्रतिशत था अब इसे घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है इसका सीधा मतलब है कि बैंकों के पास और अधिक पूंजी सुरक्षित रहेगी जिससे वे क्रेडिट फैसिलिटीज को बेहतर ढंग से मैनेज कर पाएंगे इस बदलाव से बैंकिंग सिस्टम में लगभग 2.2 लाख करोड़ रुपये तक की लिक्विडिटी बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है जो एक बहुत बड़ी बात है यह कदम देश की बैंकिंग प्रणाली को और अधिक स्थिर लचीला और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास है

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ब्रोकरेज फर्मों की क्या है प्रतिक्रिया

बाजार की प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों जैसे HSBC Morgan Stanley Jefferies और Nuvama ने RBI के इस कदम की जमकर सराहना की है HSBC का कहना है कि इन गाइडलाइंस से बैंकों को लंबी अवधि में बड़ी राहत मिलेगी और इससे उनकी क्रेडिट ग्रोथ को भी गति मिलेगी Morgan Stanley के अनुसार नए नियमों के कारण सिस्टम में 6 प्रतिशत तक अधिक लिक्विडिटी आ सकती है जो कि NIM यानी नेट इंटरेस्ट मार्जिन के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है Jefferies ने इस निर्णय को सरकारी और बड़े प्राइवेट बैंकों के लिए विशेष रूप से सकारात्मक बताया है क्योंकि उनके पास पहले से ही बेहतर लिक्विडिटी मैनेजमेंट होता है Nuvama का मानना है कि इस नीति से बैंकों को लिक्विडिटी से जुड़े दबाव से राहत मिलेगी और वे अधिक स्वतंत्रता के साथ ऋण सुविधा उपलब्ध करा सकेंगे कुल मिलाकर सभी प्रमुख ब्रोकरेज फर्में इस गाइडलाइंस को बैंकिंग सेक्टर के लिए सकारात्मक कदम मान रही हैं

बैंकिंग शेयरों पर होगा असर

RBI के इस फैसले का सीधा असर बैंकिंग शेयरों पर देखने को मिलेगा जब बैंकिंग सेक्टर में लिक्विडिटी बढ़ती है तो इससे बैंकों की उधारी देने की क्षमता मजबूत होती है जिससे उनका बिजनेस बढ़ता है और मुनाफा भी ऐसे में निवेशकों की नजर अब खासतौर पर सरकारी और बड़े प्राइवेट बैंकों जैसे SBI HDFC Bank ICICI Bank और Axis Bank पर होगी इन बैंकों के शेयरों में आने वाले समय में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि LCR में ढील दिए जाने से बैंक अपनी कैपिटल को बेहतर ढंग से उपयोग कर सकेंगे जिससे रिटर्न ऑन इक्विटी और नेट प्रॉफिट में सुधार हो सकता है अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं या करना चाहते हैं तो बैंकिंग सेक्टर में यह एक सुनहरा मौका साबित हो सकता है लेकिन हां सही समय और बैंक का चयन बेहद जरूरी रहेगा

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निवेशकों के लिए क्या होनी चाहिए रणनीति

अगर आप एक खुदरा निवेशक हैं और बैंकिंग सेक्टर में निवेश करने का विचार कर रहे हैं तो यह समय आपके लिए काफी अहम हो सकता है RBI के इस कदम से जहां बैंकों की लिक्विडिटी मजबूत होगी वहीं उनकी क्रेडिट देने की क्षमता भी बढ़ेगी जो सीधे तौर पर बैंक के कारोबार और शेयर मूल्य को प्रभावित करेगी हालांकि निवेश से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है जैसे जिस बैंक में निवेश कर रहे हैं उसकी बैलेंस शीट पिछली तिमाही के परिणाम प्रबंधन की पारदर्शिता और भविष्य की योजनाओं का अध्ययन करें साथ ही किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने जोखिम क्षमता का मूल्यांकन जरूर करें यह सही है कि अभी बाजार में सकारात्मक संकेत हैं लेकिन समझदारी भरे निर्णय ही आपको दीर्घकालिक लाभ दिला सकते हैं

एक बड़ा सकारात्मक कदम

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी की गई यह नई गाइडलाइंस बैंकिंग सेक्टर के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम है इससे बैंकों की लिक्विडिटी बेहतर होगी उन्हें ऋण देने की क्षमता में वृद्धि मिलेगी और इससे उनकी आमदनी भी बढ़ सकती है ब्रोकरेज कंपनियों की भी इस पर प्रतिक्रिया काफी उत्साहजनक रही है जिससे साफ है कि बैंकिंग शेयरों में संभावनाएं हैं अगर आप एक निवेशक हैं तो यह समय आपके लिए मौके से भरा हो सकता है लेकिन हर कदम सोच समझकर ही उठाएं उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपको पूरी जानकारी देने में सफल रहा होगा यदि आपके यहां पर दी गई जानकारी पसंद आई तो आप इसे अपने दोस्तों तक जरूर शेयर करें

Note – हम किसी भी प्रकार से SEBI Regsiter Firm नही है। हम सिर्फ Stock Market के ऊपर Digital और Physical Format मे Content Provider कराते हैं। इस लिए Real Market में Trade करने से पहले अपने Financial Agent या Finanicial Consltent सलाह जरुर ले

धन्यवाद।

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